शनिवार, 10 जून 2017

यमराज मुझे स्वर्ग में ले गये...व्हाट्स एप्प से








कल रात मैंने एक
"सपना"  देखा.!
मेरी मृत्यु हो गई....

जीवन में कुछ अच्छे कर्म किये होंगे
इसलिये यमराज मुझे
स्वर्ग में ले गये...

देवदूतों ने
मुस्कुराकर
मेरा स्वागत किया...

मेरे हाथ में 
थैला देखकर पूछने लगे
''इसमें क्या है..?"
मैंने कहा...
''इसमें मेरे जीवन भर की कमाई है, 
पांच करोड़ रूपये हैं ।"

देवदूत ने 
बी आर पी-16011966'
नम्बर के लॉकर की ओर
इशारा करते हुए कहा-
''आपकी अमानत इसमें रख
दीजिये..!''

मैंने थैला वहाँ रख दिया...
मुझे एक कमरा भी दिया...

मैं नित्य-कर्म  से निपट कर
बाजार की तरफ निकला...
देवलोक के बाजार में
अद्भुत वस्तुएं देखकर
मेरा मन ललचा गया..!

मैंने कुछ चीजें पसन्द करके
टोकरी में डाली,
और काउंटर पर जाकर
उन्हें हजार हजार के
करारे नोटें देने लगा...

प्रबंधक ने 
नोटों को देखकर कहा,
''यह करेंसी यहाँ नहीं चलती..!''

यह सुनकर 
मैं हैरान रह गया..!

मैंने देवदूत के पास 
शिकायत की
देवदूत ने मुस्कुराते हुए कहा कि,
''आप व्यापारी होकर
इतना भी नहीं जानते..?
कि आपकी करेंसी
बाजू के मुल्क
पाकिस्तान,
श्रीलंका
और बांगलादेश में भी
नही चलती...

और आप
मृत्यूलोक की करेंसी
स्वर्गलोक में चलाने की
मूर्खता कर रहे हो..?''

यह सब सुनकर 
मुझे मानो साँप सूंघ गया..!

मैं जोर जोर से दहाड़े मारकर
रोने लगा.
और परमात्मा से
दरखास्त करने लगा, 
''हे भगवान्.ये...
क्या हो गया.?''
''मैंने कितनी मेहनत से
ये पैसा कमाया..!''
''दिन नही देखा, 
रात नही देखा,"
''पैसा कमाया...!''

''माँ बाप की सेवा नही की,
पैसा कमाया,
बच्चों की परवरीश नही की,
पैसा कमाया....
पत्नी की सेहत की ओर
ध्यान नही दिया, 
पैसा कमाया...!''

''रिश्तेदार, 
भाईबन्द, 
परिवार और
यार दोस्तों से भी 
किसी तरह की
हमदर्दी न रखते हुए
पैसा कमाया.!!"

''जीवन भर हाय पैसा
हाय पैसा किया...!
ना चैन से सोया, 
ना चैन से खाया...
बस,
जिंदगी भर पैसा कमाया.!''

''और यह सब 
व्यर्थ गया..?''

''हे ईश्वर अब क्या होगा"
अब क्या होगा..!''

देवदूत ने कहा,-
''रोने से 
कुछ हासिल होने वाला
नहीं है.!! "
"जिन जिन लोगो ने
यहाँ जितना भी पैसा लाया,
सब रद्दी हो गया।"

"जमशेद जी टाटा के
55 हजार करोड़ रूपये,
बिरला जी के
47 हजार करोड़ रूपये,
धीरू भाई अम्बानी के
29 हजार करोड़
अमेरिकन डॉलर...!
सबका पैसा यहां पड़ा है...!"

मैंने देवदूत से पूछा-
"फिर यहां पर 
कौनसी करेंसी
चलती है..?"

देवदूत ने कहा-
"धरती पर अगर 
कुछ अच्छे कर्म
किये है...!

जैसे किसी दुखियारे को
मदद की, 
किसी रोते हुए को
हंसाया, 
किसी गरीब बच्ची की
शादी कर दी, 
किसी अनाथ बच्चे को
पढ़ा लिखा कर 
काबिल बनाया...! 
किसी को 
व्यसनमुक्त किया...!
किसी अपंग स्कूल, वृद्धाश्रम या 
मंदिरों में दान धर्म किया...!"

"ऐसे पुण्य कर्म करने वालों को
यहाँ पर एक क्रेडिट कार्ड
मिलता है...!
और 
उसे वापर कर आप यहाँ
स्वर्गीय सुख का उपभोग ले
सकते है..!''

मैंने कहा,
"भगवन....
मुझे यह पता
नहीं था. 
इसलिए मैंने अपना जीवन 
व्यर्थ गँवा दिया.!!"

"हे प्रभु, 
मुझे थोडा आयुष्य दीजिये..!''
और मैं गिड़गिड़ाने लगा.!

देवदूत को मुझ पर दया आ गई.!!
उसने तथास्तु कहा 
और मेरी नींद खुल गयी..!
मैं जाग गया..!
अब मैं वो दौलत कमाऊँगा
जो वहाँ चलेगी..!!
-व्हाट्स एप्प से

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