गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011

आप का ख़त मिला

आप का ख़त मिला, आप का शुक्रिया
आप ने याद मुझ को किया, शुक्रिया, शुक्रिया

प्यार में याद करना ही काफी नहीं,

आप की भूल काबिल-ए-माफी नहीं 
के रूठ जायेंगे हम फिर मनाना सनम 
यूं कटा आप बिन एक छोटा सा दिन
जैसे एक साल था, दिल का वो हाल था 
आप को क्या खबर, क्या हैं दर्द-ए-जिगर 
बस फ़साना कोइ, एक बहाना कोइ 
लिख के कागज़ पे भेज दिया, शुक्रिया, शुक्रिया 

आप लिखते हैं मिलने की फुरसत नहीं,

छोडिये बेरुखी हैं ए उलफत नहीं 
हम को था इंतज़ार, दिल रहा बेकरार 
शाम तक हम रहे, रास्ता देखते
थक गयी जब नजर, तब मिली एक खबर 
आप आये नहीं, काम था कुछ कही 
पर हमे गम नहीं, ये भी कुछ कम नहीं 
दिल के बदले लिफाफा मिला, शुक्रिया, शुक्रिया 

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